मियांवाली नगर के
ज्वाला पुरी में जिला प्रशासन एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण डीडीएमए की ओर
मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान यहां तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को
भूकंप आदि जैसी आपदा के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के तरीके बताये और समझाये
गये। यहां जिला प्रशासन के अधिकारी एवं डीडीएमए के अधिकारियों व टीम की मौजूदगी
रही। यहां आपदा प्रबंधन के सभी कर्मियों ने भूकंप आने पर उत्पन्न विपरीत स्थिति से
निपटने, सही समय पर पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने समेत आवश्यक सेवाएं
उपलब्ध कराने का अभ्यास किया गया। मॉकड्रिल में जिला राजस्व विभाग, दिल्ली सरकार की ओर से एसडीएम पंजाबी बाग,
तहसीलदार नांगलोई, तहसीलदार मुंडका व डीडीएमए पश्चिमी व पश्चिमी दिल्ली
प्रोजेक्ट समन्वयक भावना ¨सह मौजूद रही।
अधिकारियों ने
बताया कि आपदा के दौरान भगदड़ नहीं मचानी चाहिए, बल्कि धैर्य से काम लेना चाहिए। यहां नाट्य रूप में भूकंप
आने की सूचना दी गई, जिसमें सभी को
बताया गया कि मियांवाली नगर के ज्वाला पुरी में भूकंप के चलते इमारत जर्जर हो गई
है। इसके अलावा एक मकान की छत और दीवार का कुछ हिस्सा गिर गया है। इसमें इमारत की
पहली व दूसरी मंजिल को काफी क्षति पहुंची है। इसमें एक व्यक्ति की मौत और छह लोगों
के घायल होने की सूचना मिली। ऐसे में सूचना मिलते ही घायलों को कैट्स एंबुलेंस एवं
पीसीआर की मदद से नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया गया। यहां जिला आपदा प्रबंधन
प्राधिकरण के अधिकारी व कर्मचारियों ने बिना किसी देरी के तेजी से बचाव एवं राहत
कार्य शुरू कराया। यह आयोजन डीडीएमए पश्चिमी जिला एवं रिहायशी वेलफेयर एसोसिएशन की
ओर से कराया गया।
इस मौके पर
एसडीएम अजित ने बताया कि जून माह में जिले में विभिन्न सार्वजनिक जगहों पर मॉक
ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इसमें लोगों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। वहीं, आपदा प्रबंधन के जिला परियोजना समन्वयक हर्षद ने बताया कि इस अभियान का मकसद
यह है कि आपदा की स्थिति में पुलिस,
फायर सर्विस, कैट्स एंबुलेंस आदि की सेवा पीड़ितों को समय पर मिल सके, इसका अभ्यास करना है। इस मौके पर पीसीआर कर्मी, यातायात पुलिस, BSES की टीमों ने भी सहयोग किया। वहीं आपदा प्रबंधन की परियोजना अधिकारी मोहित
शर्मा ने भूकंप आदि की स्थिति में बचाव के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूक भी
किया।
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