अगर आप दिल्ली
मेट्रो में सफर करते हैं और स्टेशन पर पहुंचने पर अचानक आपका सामना अफरातफरी के
माहौल से हो जाए, तो आपको कैसा
लगेगा. दिल्ली में 11 मेट्रो स्टेशनों
पर शनिवार को एक घंटे के लिए मुसाफिरों का सामना ऐसी ही स्थिति से हुआ.
कोई छात्र डेस्क
के नीचे लेटा था, तो कोई अपनी कक्षा से बाहर की तरफ भाग रहा था।
कहीं छात्र अपना सर ढंकते नजर आए तो कहीं सहपाठी की मदद करते हुए दिख रहे थे। जिले
के 101 स्कूलों में बृहस्पतिवार को यह नजारा देखने को मिला। आप सोच रहे होंगे कि
स्कूलों में कोई हादसा हो गया हो,
जिसकी वजह से ऐसी स्थिति
उत्पन्न हुई, लेकिन जरा ठहरिये। यह कोई हादसा नहीं था बल्कि
किसी आपदा से निपटने के लिए आयोजित मेगा मॉक ड्रिल का दृश्य था।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा के 101 स्कूलों में सुबह 11 बजे मॉक ड्रिल की शुरुआत हुई। 11.20
मिनट पर अचानक स्कूलों की आपातकालीन घंटी बजी। छात्रों को भूकंप आने की सूचना दी
गई। इसके बाद छात्र डेस्क के नीचे सर ढंककर बैठ गए और डेस्क को कसकर पकड़ लिया।
भूकंप थमने के बाद छात्र खुले स्थान पर इकट्ठा हुए। ड्रिल करीब 45 मिनट तक चलता
रहा। इस दौरान सभी स्कूलों में डिजास्टर मैनेजमेंट सेल के 108 वालंटीयर और
एनडीआरएफ के इतने ही कर्मी मौजूद थे। ड्रिल के दौरान जिलाधिकारी एनपी सिंह स्कूलों
में पहुंचे और जायजा लिया।
भूकंप से बचने की
दी जानकारी :
मेगा मॉक ड्रिल
के दौरान स्कूलों में छात्रों को भूकंप के दौरान खुद का बचाव करने का तरीका बताया
गया। साथ ही उन्हें दूसरों की मदद करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ
ही भूकंप के दौरान क्या-क्या सावधानिया बरती जाएं, इसके बारे में बताया गया।
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