ड्रिल
का इतिहास और सावधान विश्राम पोजीशन में देखनेवाली बाते
सिविलियन और वर्दीधारी के बीच फर्क जो देखने
को मिलता है वो उसका मुख्य कारण होता है परेड ड्रिल ! क्योंकि परेड ड्रिल एक ऐसा
विषय है जो एक वर्दीधारी को सिखाया जाता है लेकिंन सिविलिन को नहीं ! परेड ड्रिल
में एक वर्दीधारी केवल लेफ्ट राईट यानि परेड करना ही नहीं सिखाया जाता है वल्कि
उसको किसे यूनिफार्म पहना चाहिये, कैसे चलना बात करना, कैसे
वरिष्ठ अधिकारी से बात करते है या आदेश लेते है और कैसे अपने से जूनियर को आदेश
देते है या बात करते है इत्यादि सिखलाया जाता है यानि हम ये कह सकते है की जो एक
वर्दीधारी का विशेष इमेज आप पब्लिक में बना हुआ है जैसेकि वो ड्रिल के दौरान दी
गयी अनुशासन और सही, समय पर ईमानदारी से काम
करने का सिखलाया जाता है उन सब का जीवन में अपना अहम स्थान रहता है !
ड्रिल फ़ौज में कब शरू हूवी ?
सबसे पहले ड्रिल को फ़ौज में शुरु करने वाले
थे जर्मन में मेजर जनरल डराल ने सान( Dral ne San) जो इसे सान 1666
में शुरु किये ! उनका सोच था की फ़ौज को कण्ट्रोल करने, अनुशाषित
रखने, हुकुम मानने तथा सामूहिक रूप से काम के लिए कोई न कोई
तरीका होने चाहिए और जो तरीका उन्होंने ड्रिल को अमल में लाया !
ड्रिल किसे कहते है ?
किसी प्रोसीजर को क्रमवार और उचित तरीके अनुकरण करने की
करवाई को ड्रिल कहते है ! इसका मतलब ये हुवा की परेड ग्राउंड में परेड करने
को ही हम ड्रिल नहीं कहेंगे बल्कि ड्रिल उन सभी कार्यवाही को कहते है जो
क्रमवार और उचित तरीके से किया जाता हो !
ड्रिल कितने प्रकार के
होते है ?
ड्रिल दो प्रकार के होते है !
(i) ओपन ड्रिल – ये ड्रिल
फील्ड में की जाती है
(ii) क्लोज ड्रिल – ये ड्रिल
ट्रेनिंग ग्राउंड / पीस एरिया में की जाती है
ड्रिल का उद्देश्य क्या होता है ?
ड्रिल का उद्देश्य क्या होता है ?
एक सैनिक के अन्दर आदेश मानने और अपने कर्तव्य के प्रभाव को
अंजाम देने के लिए हर समय सजग रहने का मज़्दा पैदा करना!
ड्रिल के फौजी के ऊपर क्या असर डालता है?
जैसे की कहा गया है की ड्रिल डिसिप्लिन का बुनियाद है और ड्रिल एक फौजी को सिविलिन से फौजी बनता है! ड्रिल का असर कुछ निम्नलिखित है
ड्रिल के फौजी के ऊपर क्या असर डालता है?
जैसे की कहा गया है की ड्रिल डिसिप्लिन का बुनियाद है और ड्रिल एक फौजी को सिविलिन से फौजी बनता है! ड्रिल का असर कुछ निम्नलिखित है
(i) डिसिप्लिन सिखलाती है!
(ii) सामूहिक रूप में काम करने
की आदत डालती है!
(iii) आदेश मानने की आदत सिखलाती
है!
(iv) कमांड एवं कण्ट्रोल
सिखलाती है
(v) सही तरीके से यूनिफार्म
पहनना सिखलाती है!
(vi) ड्रिल देख कर किसी यूनिट
का डिसिप्लिन और मोरल का अंदाजा लगाया जा सकता है !
ड्रिल के उसूल क्या होते है ?
ड्रिल के उसूल क्या होते है ?
ड्रिल का उसूल होता है :
(i) स्थिरता (Steadiness)
(ii) फूर्ती (Smartnes)
(iii) मिलकर कम करना (Coordination)
फूट ड्रिल के क्या उसूल होते है?
फूट ड्रिल के क्या उसूल होते है?
फूट ड्रिल के उसूल :
(i) पाँव तेजी से आगे निकलना (Shoot the foot forward)
(ii) घुटने को तेजी से झुकना (bend the Knee double
time)
(iii) ठीक वफ़ा देना (Correct Pause)
ड्रिल देने के लिए ट्रेनिंग एड्स क्या क्या है ?
ड्रिल देने के लिए ट्रेनिंग एड्स क्या क्या है ?
निम्नलिखित है :
(i) पेस स्टिक
(ii) बैक स्टिक
(iii) एंगल बोर्ड
(iv) समय सूचक (मेट्रोनोमे)
(v) ड्रम और ड्रमर
सावधान की जरुरत ड्रिल के कोई भी हरकत करनी हो तो वो सावधान
पोजीशन से की जाती है और अपने से सीनियर से बात करनी या आदेश लेते समय सावधान
पोजीशन को अख्तियार कर के ही की जाती है!
सावधान
पोजीशन में देखनेवाली बाते : दोनों पैर की एड़िया मिली हवी और पौंजो का एंगल 30
डिग्री ! दोनों घुटने टाइट ! दोनों बाजु दाहिने और बाये तरफ पैंट की सिलाई के साथ
मिले हुवे और मुट्ठी कुदरती तौर पे बंद ! पेट अन्दर के तरफ और छाती बहार के तरफ
उट्ठी हवी ! कंधे पीछे खिचे हुवे और गर्दन कोलार के साथ मिली हवी और निगाह सामने !
"सावधान" पोजीशन में दोनों पौंजो के बिच कितना डिग्री का एंगल होता है ?
"सावधान" पोजीशन में दोनों पौंजो के बिच कितना डिग्री का एंगल होता है ?
दोनों पंजो के बिच 30 डिग्री का एंगल होता है
!
“विश्राम ” की जरुरत और विश्राम पोजीशन में देखनेवाली बाते क्या है ?
ये परेड ड्रिल का शुरुवात की कुछ कारवाहियाँ सिखलाई जाती है !
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