सिन ऑफ़ क्राइम पे पहुचने के बाद सबसे
इम्पोर्टेन्ट कार्य रहता है,
क्राइम
सिन को सुरक्षित रखने का, वह है की क्राइम सिन कम से
कम दूषित और जहा तक संभव हो फिजिकल एविडेंस को किसी भी स्तिथि में डिस्टर्ब होने
से बचाया जाय !क्राइम का खबर मिलने के बाद एक पुलिस अधिकारी को तत्परता और एक
प्रोफेशनल वे से काम करना चाहिए ! घटना के जगह पे पहुचने के उपरान्त उन्हें घटना
को अस्सेस करना चाहिए और घटना स्थल को एक क्राइम सिन मान के काम करना चाहिए !
घटना स्थल पे पहुचने वाले पुलिस अधिकारी को
तत्परता के साथ साथ सावधानी पूर्वक सिन ऑफ़ क्राइम के पास जाना या इंटर करना चाहिए!
उन्हें चौकना और ध्यान रखना चाहिए सिन ऑफ़ क्राइम के पास अगर कोई व्यक्ति, वाहन , कोई
और घटना वह हो रहा हो, मेन एविडेंस और घटना स्थल के
पास के वातावरण के ऊपर !
इनिशियल रेस्पोंडिंग पुलिस ऑफिसर को करना चाहिए :
घटना स्थल का विबरण जैसे की पता, लोकेशन, टाइम, तारीख, टाइप
ऑफ़ कॉल, पार्टीज इन्वोल्व.
चौकना रहे अगर कोई व्यक्ति या वाहन घटना स्थल
से भाग रहा है तो रोके!
सावधानीपूर्वक सिन ऑफ़ क्राइम पे जाये , पूरी एरिया को गहन तरीके से मुयैना (स्कैन)
करे!
क्राइम सिन का अवलोकन करे!
कोई वहान या व्यक्ति क्राइम सिन के पास मिले तो
सावधानी पूर्वक जाँच करे कही हो सकता है वो व्यक्ति या वाहान क्राइम में समिल्लित
हो !
प्राम्भिक आवलोकन में देखना, सुनना, और स्मेल
लेने का सेन्स का इस्तेमाल करे और अपनी और दुसरे व्यक्तियों की सुरक्षा को
सुनिश्चित कर के ही सिन ऑफ़ क्राइम के नजदीक जाये !
सवधान और सतर्क रहे ये समझे की क्राइम अभी भी जरी है !
दुसरे शब्दों में कहे तो क्राइम सिन पे पहले
पहुचने वाली पुलिस ऑफिसर को बहुत ही observant होना चाहिए क्राइम सिन के एंट्री , एग्जिट और एप्रोच करते हुवे.
सुरक्षा प्रोसीजर
फर्स्ट रेपोंडिंग पुलिस ऑफिसर की पहली
प्राथमिकता अपनी,अपनी साथियों और क्राइम सिन
पे मौजूद दुसरे लोगो का सुरक्षा होनी चाहिए! फर्स्ट रेपोंडिंग पुलिस ऑफिसर को घटना
स्थल पे पहुचते ही खतरा को पहचाना और सिचुएशन को कण्ट्रोल करना चाहिये.
फर्स्ट रेपोंडिंग पुलिस ऑफिसर को सेफ्टी के लिए
करना चाहिए:
अपनी और अपने साथियों की सुरक्षा को सुनिश्चित
करना चाहिए!
क्राइम सिन के मुयाने के दौरान किसी लाइट , साउंड या स्मेल जो की वहा पे मौजूद व्यक्ति को
नुकशान पंहुचा सकता है को विशेष ध्यान देना चाहिए.खतरनाक पदार्थ जैसे, केरोसिन तेल, डीसेल, पेट्रोल या कोई ऐसा केमिकल जो ख़तरना हो सकता है उसके सावधानी पूर्वक वह से
अलग करा देना चाहिए!
कोई ऐसा केमिकल पदार्थ जिसे केवल प्रशिक्षित व्यक्ति ही हटा सकता है
तो उसे कंसर्न डिपार्टमेंट को सूचित करना चाहिए. अपने द्वारा उठाने का कोशिश नहीं करना चाहिए!
घटना स्थल को अप्रोच करते हुवे अपने सुरक्षा के
साथ विक्टिम, विटनेस, और अन्य लोगो का ध्यान रखे!
सिन ऑफ़ क्राइम को सुर्वे करे और कोई dangerous व्यक्ति वहा है तो उसे कण्ट्रोल करे!
अगर सिचुएशन कण्ट्रोल में नहीं आ रहा है तो
अपने से सेनियर अधिकारी को सूचित करे और बैकअप मांगे!
Emergency Care
सिचुएशन को अंडर कण्ट्रोल में लाने के बाद फर्स्ट रेस्पोंडिंग ऑफिसर का
काम है की निश्चित करे के घायल लोगो को
मेडिकल सुबिधा मिले और उस दौरन ये भी ध्यान रखे की कोई वाइटल एविडेंस को नुकशान ना
पहुचे और दूषितट न हो पाए!
फर्स्ट रेस्पोंडिंग ऑफिसर का काम है :
अगर कोई घायल है उसे देखे और जल्द से जल्द
मेडिकल हेल्प की व्यस्था करे !
मेडिकल टीम और एम्बुलेंस को बुलाये
मेडिकल टीम को बताये की मेडिकल हेल्प देते समय
ध्यान रखे की क्राइम सिन में कोई अल्टरेशन न हो .
मेडिकल टीम को मुख्य एविडेंस के बारे में बताये
और बोले की उसको कम से कम छुए !
सुनिश्चित करे की मेडिकल टीम विक्टिम का वस्त्र
और पर्सनल इफ़ेक्ट को यथा स्तिथि बनाये रखे कपडे के बुलेट होल या कोई कट मार्क को
फाडे नहीं !
मेडिकल टीम को आगाह करे की सिन ऑफ़ क्राइम को
साफ ना करे और कोई सामान यहाँ से न ले जाये !
अगर आप के आने से पहले मेडिकल टीम आ गयी है तो
उनका नाम और पता , कांटेक्ट नंबर सब लेले.
अगर आप को लगता है की घायल विक्टिम मर सकता है
तो उसका डाईंग डिक्लेरेशन लेने का कोशिश करे !
सिन ऑफ़ क्राइम पे विक्टिम, सस्पेक्ट, या
विटनेस के द्वारा कोई भी बयान दिया गया है तो उसे डॉक्यूमेंट करे !
अगर विक्टिम को किसी हॉस्पिटल में रेफेर किया
है तो उसके साथ एक पुलिसवाले को भेजे !
सिन ऑफ़ क्राइम पर इकठ्ठा हुए लोगो को सिक्योर
और कण्ट्रोल
कण्ट्रोल करना , पहचान
करना और ओगो को सिन ऑफ़ क्राइम से हटाना और सिन ऑफ़ क्राइम को सुरक्षित रखने के लिए
कम से कम लोगो का मूवमेंट सिन ऑफ़ क्राइम के पास होना चाहिए.इसलिए फर्स्ट
रेस्पोंडिंग ऑफिसर को चाहिए की:
सिन ऑफ़ क्राइम के पास जो लोग है उन्हें
कण्ट्रोल करे और उन्हें सिन ऑफ़ क्राइम को डिस्टर्ब करने या डिस्ट्रॉय करने से
रोके!
सिन ऑफ़ क्राइम के पे मौजूद लोगो को पहचाने और
सस्पेक्ट और वीनस को सिक्योर और सेपरेट करे !
आजू बाजु खड़े लोगो को देखे और पहचाने की क्या
ये विटनेस हो सकता है यदि हा तो उसे सिक्योर और सेपरेट करे और बाकि लोगो को वह से
हटाने का कोशिश करे !
हटाने का एक कारगर तरीका जो आम तौर पर पुलिस
इस्तेमाल करती है वो है की आजू बाजु खड़े लोगो का विडियोग्राफी /फोटोग्राफी करना और
उनका नाम और एड्रेस लिखने से बहुत बार देखा गया है की भीड़ सिन ऑफ़ क्राइम से भाग
जाती है !
जरुर पढ़े :ड्यूटी ऑफ़ फर्स्ट रेस्पोंडिंग ऑफिसर
बरिकाडिंग/ सेकुरिंग सिन ऑफ़ क्राइम
बाउंडरी बनाते समय मेन पॉइंट से शुरु करते हुवे
आउटवर्ड जाना चाहिए जिसमे की ये सब कवर हो जाय :
जगह जहा पे क्राइम हुवा है
सस्पेक्ट और विटनेस का एंट्री और एग्जिट का रास्ता !
वो जगह जहा विक्टिम/एविडेंस को मूव कर के रखा
है !इसमें कही कोई ट्रेस और इम्प्रैशन हो उसे भी कवर करे !
फिजिकल बैरियर यानि टेप या रस्सी से लगाये
जिससे की कोई अनावश्यक लोग वह न जा सके अगर सिन ऑफ़ क्राइम कोई मकान है तो उसे लॉक
और सिल करे !
फुटस्टेप, टायर
मार्क और ऐसी कोई मार्क जो धुप,
वरिश
या हवा से नस्त हो सकती है उसे बचाना का वेवस्था करे!
सिन ऑफ़ क्राइम पे एविडेंस को बचाना का बरिकडिंग
एक अहम् काम करता है
6 कॉमन गलतिया अक्सर एक आई ओ सीन ऑफ़ क्राइम पे
करता है
"If your life is free of
failures you're not taking enough risks"
आज कल आप देखते होंगे की छोटा अपराध हो या बड़ा
मीडिया कितना हो हल्ला मचा है और पल पल की बारीक़ खबरे एक एक कर पराशरित करते
रहता है लेकिन ये समझ लेना चाहिए माडिया चिल्लाये या कोई कितना हल्ला मचाये जो
भारतीय नयायपालिका है ओ साबुत के अधार पे अपना निर्णय सुनती है भले ही अपराध कितना
भी संगीन क्यों ना हो अगर साबुत शंका से परे नहीं होगे तो भारतीय नयायपालिका
अपराधी को छोड़ देती है !क्यों की भारतीय न्यायपालिक का धेय्य रहता है की "एक
अपराधी भले बच जाये लेकिंन किसी बेगुनाह को गलत सजा नहीं होनी चाहिए"!
उपरोक्त बातो से ये पता किसी भी अपराधी को सजा दिलाने में साबुत की बहुत ही अहम् रोल होता है और ओ भी ऐसा साबुत जो बियॉन्ड डाउट हो जिसपे थोडा भी शक नहीं किया जा सके !इसलिए ये एक Investigating Officer का जिम्मेवारी है की वो एविडेंस को प्रोफेसनली कलेक्ट करे और अपराधी को उपयुक्त सजा दिलाये.
उपरोक्त बातो से ये पता किसी भी अपराधी को सजा दिलाने में साबुत की बहुत ही अहम् रोल होता है और ओ भी ऐसा साबुत जो बियॉन्ड डाउट हो जिसपे थोडा भी शक नहीं किया जा सके !इसलिए ये एक Investigating Officer का जिम्मेवारी है की वो एविडेंस को प्रोफेसनली कलेक्ट करे और अपराधी को उपयुक्त सजा दिलाये.
लेकिंग एविडेंस कलेक्ट करते समय एक Investigating Officer क्या क्या गलतिय कर सकते है उन गलतियों की कुछ एक
मै लिस्ट आउट करने का कोशिश किया हु जो की बहुत सरे ट्रेनिंग मटेरियल और I.O. के personal अनुभव के अधर पे है :
1.
फौल्टी या
डिलेड एविडेंस प्रिजर्वेशन ऑफ़ सिन ऑफ़ क्राइम (Faulty
or delayed evidence preservation at scene of crime)
·
Scene of crime पे जल्द से जल्द नहीं पहुचना !देर से पहुचने के
कारण बहुत से फिजिकल एविडेंस को नष्ट होने की संभाना रहता है !
·
अपराध घटना के जगह को अच्छी से preserve
नहीं करना जिससे की चांस रहता है की घटना के जगह पे उपलब्ध साबुत
को नष्ट करना या नया साबुत प्लांट करना !
·
अगर घटना स्थल को अच्छी तरह से preserve
नहीं किया गया तो जाने अनजाने में साबुत I.O.
के हाथ या पैर से नष्ट होने के सम्भानाये रहती है या
वह पे उपलब्ध भीड़ के चहल कदमी के कारन भी फिजिकल एविडेंस नष्ट होने की
सम्भानाये रहती है !
2. फौल्टी एग्जामिनेशन ऑफ़ सिन ऑफ़ क्राइम:(Faulty examination of scene of crime)
·
सिन ऑफ़ क्राइम को एक्सामिन करते हुवे रबर ग्लोवे का
नहीं पहने से इसकी सम्भानाये रहती है की I.O की खुद की
फिन्गर प्रिंट या और कोई बायोलॉजिकल मार्क वह छुट जाये जो की पुलाब्ध एविडेंस को
शंकयुक्त बना दे !
3.फौल्टी लिफ्टिंग ऑफ़ एविडेंस (Faulty lifting of evidence)
·
साधारणतः देखा गया है की फिंगर प्रिंट,
फूट प्रिंट,और टायर मार्क को प्रोफेसनल तारिक के से नहीं लिफ्ट
किया जाता है और प्रोफेसनल तरीके से नहीं उठाने के कारन बहुत से वाइटल
एविडेंस या तो नष्ट हो जाते है या छुट जाते है !
·
खाली केस और फिंगर प्रिंट को सही समय पे फोरेंसिक
लैब में जाँच और प्रिजर्वेशन के लिए नहीं भेजने से कोर्ट के मन में
शंका पैदा होता है की अपराधी के पकड़ने के बाद का लिया हुवा फिंगर प्रिंट है!
4. फौल्टी पैकिंग (Faulty packing of evidence)
·
बहुत बार देखा गया है की सिन ऑफ़ क्राइम से एविडेंस
तो लिफ्ट किया गया लेकिंग डॉक्यूमेंटेशन सही नहीं क्या गया सभी एविदेंसस पे एफ आई
आर नॉ नहीं लिखा गा है और अगर लिखा गया है तो उसके ऊपर बहुत करेक्शन किया हुवा है
! ये अब फौल्टी पैकिंग में आता है और ऐसे एविडेंस को कोर्ट शक के निगाह से देखती
है !
5. फौल्टी स्केत्चिंग (Faulty preparation of crime scene map)
·
सिन ऑफ़ क्राइम का जो माप बनाया जाता है ओ
इतना छोटा रहता है और प्रोपेर्ली ड्रा नहीं किया रहता है
·
सिन ऑफ़ क्राइम के आसपास उपलब्ध लैंडमार्क को नक्से
में नहीं दर्शाया रहता है जिसके करन क्राइम और उपलब्ध एविडेंस को बाद में कोरिलेट
करना मुश्किल हो जाता है !
·
सिन ऑफ़ क्राइम का जो माप बनाया गया है उसमे
डायरेक्शन को नहीं दिखना !
6. फौल्टी फोटोग्राफी या विडीओग्रफी (Faulty or delayed photograghy or videography)
·
ये I.O का दायित्व
है की ओ सिन ऑफ़ क्राइम पे पहुचने के बाद सबसे पहले उस जगह की फोटोग्राफी और
विडीओग्रफ़ि कराये लेकिन बहुत बार इस काम को लास्ट में किया जाता है जो की
गलत है क्यों की बहुत से एविडेंस है ओ गर्मी, हवा या नमी
के कारन नष्ट ही जाने की सम्भाये रहती है इसलिए सिन ऑफ़ क्राइम का फोटोग्राफी या
विदिओग्रफ़ि जरुर कराये.
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